श्रीमती ज्योति पापलकर को सादर श्रद्धांजलि
मां दुर्गा की ज्योति में, ज्योति हुईं विलीन
अकस्मात ही कर गईं, सबको वे गमगीन
प्रेम और अपनत्व का, याद रहेगा सीन
प्रेम और ममता की मूरत,उनका व्यवहार निराला था
सद्गुण से भरपूर था जीवन,त्याग तपस्या बाला था
मधुर मधुर मुस्कान थी ,व्यक्तित्व ही उनका आला था
महाप्रयाण किया दुर्गा नवमी को,हृदय में स्मृति रहेगी
भूल नहीं पाएंगे तुमको ,यादें सदा रहेंगी
सुरेश कुमार चतुर्वेदी