Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Jul 2017 · 1 min read

श्रापमुक्त

कुछ बूँदे! … जाने क्या जादू कर गई थी?
लहलहा उठी थी खुशी से फिर वो सूखी सी डाली….

झेल रहा था वो तन श्रापित सा जीवन,
अंग-अंग टूट कर बिखरे थे सूखी टहनी में ढलकर,
तन से अपनों का भी छूटा था ऐतबार,
हर तरफ थी टूटी सी डाली और सूखे पत्तों का अंबार..

कांतिहीन आँखों में यौवन थी मुरझाई,
एकांत सा खड़ा अकेला दूर तक थी इक तन्हाई,
मुँह फेरकर दूर जा चुकी थी हरियाली,
अब दामन में थे बस सूखी कलियों का टूटता ऐतबार…

कुछ बूँदे कहीं से ओस बन कर आई,
सूखी सी वो डाली हल्की बूँदों में भीगकर नहाई,
बुझ रही थी सदियों की प्यास हौले होले,
मन में जाग उठा फिर हरित सपनों का अनूठा संसार…

हुई प्रस्फुटित नवकोपल भीगे तन पर,
आशा की रंगीन कलियाँ गोद भरने को फिर आई,
हरितिमा इठलाती सी झूम उठी तन पर,
ओस की कुछ बूँदें, स्नेह का कुछ ऐसा कर गई श्रृंगार..

उम्मीदों की अब ऊँची थी फरमाईश,
बारिश की बूँदों में भीग जाने की थी अब ख्वाहिश,
श्रापित जीवन से मुक्त हुआ वो अन्तर्मन,
कुछ बूँदे! ..जाने क्या जादू कर गई थी सूखी डाली पर..

Language: Hindi
593 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
*सुनकर खबर आँखों से आँसू बह रहे*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
बेटा
बेटा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जहन का हिस्सा..
जहन का हिस्सा..
शिवम "सहज"
कविता
कविता
Rambali Mishra
जीनी है अगर जिन्दगी
जीनी है अगर जिन्दगी
Mangilal 713
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
दिल पे कब मेरा इख़्तियार रहा ।
Dr fauzia Naseem shad
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
हुआ है अच्छा ही, उनके लिए तो
gurudeenverma198
विकट संयोग
विकट संयोग
Dr.Priya Soni Khare
ना जाने
ना जाने
SHAMA PARVEEN
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
जो अपने दिल पे मोहब्बत के दाग़ रखता है।
Dr Tabassum Jahan
अरमान
अरमान
अखिलेश 'अखिल'
*तपन*
*तपन*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
" भाग्य "
Dr. Kishan tandon kranti
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
वो गुलशन सा बस बिखरता चला गया,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
விடிந்தும்
விடிந்தும்
Otteri Selvakumar
बारिश की मस्ती
बारिश की मस्ती
Shaily
...........
...........
शेखर सिंह
दोहा -
दोहा -
डाॅ. बिपिन पाण्डेय
बम से दुश्मन मार गिराए( बाल कविता )
बम से दुश्मन मार गिराए( बाल कविता )
Ravi Prakash
प्रार्थना(हनुमान जी)
प्रार्थना(हनुमान जी)
शालिनी राय 'डिम्पल'✍️
*हनुमान के राम*
*हनुमान के राम*
Kavita Chouhan
सही लोगों को
सही लोगों को
Ragini Kumari
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
जन्म हाथ नहीं, मृत्यु ज्ञात नहीं।
Sanjay ' शून्य'
3607.💐 *पूर्णिका* 💐
3607.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
वफ़ाओं का सिला कोई नहीं
अरशद रसूल बदायूंनी
स्वागत बा श्री मान
स्वागत बा श्री मान
आकाश महेशपुरी
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
स्वर्ण दलों से पुष्प की,
sushil sarna
सावन
सावन
दीपक नील पदम् { Deepak Kumar Srivastava "Neel Padam" }
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
लेखन की पंक्ति - पंक्ति राष्ट्र जागरण के नाम,
Anamika Tiwari 'annpurna '
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सभी गम दर्द में मां सबको आंचल में छुपाती है।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...