श्राद्ध पक्ष मे खीर
जीते जी माँ बाप को,…नही पिलाया ऩीर!
श्राद्ध पक्ष में मे शान से,उन्हे खिलाते खीर !!
जिन्दा थे तब तो कभी, लिया न आशीर्वाद !
श्राद्ध पक्ष में कर रहे,…उन पुरखों को याद !!
श्राद्ध पक्ष में कर रहे, तर्पण व्यक्ति तमाम ।
श्रद्धा के अनुरूप ही,…..पाते हैं परिणाम !!
मरके भी जो श्राद्ध मे,खिला रहे हैं माल!
बडें बुजुर्गों का इसे,कहिए मित्र कमाल !!
रमेश शर्मा