श्रद्धा सुमन
है श्रद्धा
ईश प्रति
सादर करूँ
पुष्प समर्पित
गाऊं
मंगल गीत मैं
जीवन
सफल हो जाए
श्रद्धा सुमन
माता पिता को
चरण छू
वंदन करूँ
मिले आशीष
जीवन में
श्रद्धा के हैं
रूप अनेक
देते सादर
श्रद्धान्जलि
मृतात्मा को
श्रद्धा पुष्प
चढाते उनको
श्रद्धा
में ही है
सच्ची भक्ति
करो सेवा
वृद्ध जन
गरीब
दिव्यांगों की
करो श्रद्धा से
नत मस्तक
उन सभी को
जो है पूज्य
हमेशा हमारे
स्वलिखित
लेखक संतोष श्रीवास्तव भोपाल