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3 Jul 2024 · 1 min read

श्रंगार

तड़पते दिल को स्नेह भरा स्पर्श चाहिए।
सूखते खेतों को मेघों से बरसात चाहिए।
कसमसाते हदय का सहारा बनेगा कौन।
डूबती जिंदगानी को भी नवजीवन चाहिए।
विपिन

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