श्रंगार
तड़पते दिल को स्नेह भरा स्पर्श चाहिए।
सूखते खेतों को मेघों से बरसात चाहिए।
कसमसाते हदय का सहारा बनेगा कौन।
डूबती जिंदगानी को भी नवजीवन चाहिए।
विपिन
तड़पते दिल को स्नेह भरा स्पर्श चाहिए।
सूखते खेतों को मेघों से बरसात चाहिए।
कसमसाते हदय का सहारा बनेगा कौन।
डूबती जिंदगानी को भी नवजीवन चाहिए।
विपिन