श्याम वंदना
हाथ जोड विनंती करु शरण म थाकी लीज़ो
कृपा राखीयों सदा थाकी समय रहै किसौ।
सुख दुख री चिंता नहीं सारी थारी माया है
रूंह तने समर्पण है बाकी माटी री काया है
श्याम श्याम म भजु बिन थारे सब सूना
श्याम नाम की गुंज ही सदा मैं सूणा।
ओ हारे का सहारा तू मारी नैया पार लगा द
कश्तीं मारी डूबी भवसागर में
इन्ह तु पतवार लगा द ।
अरजी मारि ल्यो स्वीकार
है मारा लखदातार-२