श्याम के ही भरोसे
न तेरा …. न मेरा ,
श्याम सबके है प्यारे
श्याम के ही भरोसे ,
लगेंगे किनारे |
श्याम भक्ति का रस,
जिसने – जिसने पिया
भव सागर से पार ,
उसको श्याम ने किया
मन मे रटते रहो ,
जाप करते रहो
श्याम राधे श्याम राधे ,
राधे राधे श्याम प्यारे
श्याम के ही भरोसे,
लगेंगे किनारे |
राधेश्याम अमृत की धारा ,
सफल जीवन होगा तुम्हारा ,
कंठ स्वर को जरा
तुम भिंगो लो
राधे श्याम प्रेम से बोलो
करलों दर्शन तुम अंतर्मन का
श्याम संग बसे प्यारी राधे
श्याम के ही भरोसे,
लगेंगे किनारे ||
नीरज मिश्रा ” नीर ” बरही मध्य प्रदेश