शौर्य आया
बहारो थाम लो दिल को
मेरे घर शौर्य आया है
चमन में बिखरा दो कलियाँ
मेरे घर शौर्य आया है
चादनी फैलादो चादर
मेरे घर शौर्य आया है
हवाओ मन्द गति ले लो
मेरे घर शौर्य आया है
न मन वश् में है
न तन का होश है बाकी
कहि झूमने न लग जाऊ
मेरे घर शौर्य आया है
नन्हे कदमो की आहट से
मेरा दिल धड़कता है
उसकी आवाजे सुनकर
मधुर संगीत बजता है
ये सारा जहाँ सुन लो
मेरा अब शौर्य आया है
जमाने भर की खुशीयो ने
मुझे आके लपेटता है
ये कैसा नूर आया है
आते ही समेटा है
उत्तर आई है खुशियां
अकेले न सम्भाल पाऊ मैं
आओ तू सब भी आजाओ
बाट लो ये खुशी के पल
तुम्हारे आशीष बचनों की
अब उसको जरूरत है
फले फुले उम्रर पाये
यही उसकी हुकूमत है।।