Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
23 Jan 2024 · 1 min read

शोक-काव्य

क्यों
उसके पैरों को
तुम घृणा की नजर से
देखते हो ,
क्या !!
उसके पैर
मात्र घृणा के पात्र हैं ?
नहीं !!
उसके पैरों में पड़ी
असंख्य बिवाइयां
गवाही देती हैं-
उस पर हुए
असहनीय अत्याचारों की ,
जिसके बदले
उसके मुंह से मुख से आह तो नहीं निकली
परंतु
एक बिवाई और फट गई l
उसके पैर यों लगते हैं
मानो ,
समग्र जीवन की
विषद्ताओं को
परिलक्षित करने वाला
शोक काव्य हो l

1 Like · 84 Views
Books from डॉ राजेंद्र सिंह स्वच्छंद
View all

You may also like these posts

क्या करूं मैं!            भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
क्या करूं मैं! भुलके भी तुझे कभी नहीं भुला सका।
Iamalpu9492
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
ध्येय बिन कोई मंज़िल को पाता नहीं
Dr Archana Gupta
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
जीवन जीने का ढंग भाग 2, - रविकेश झा
Ravikesh Jha
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
*भगवान कृष्ण ने गीता में, निष्काम कर्म को गाया था (राधेश्याम
Ravi Prakash
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
तस्मै श्री गुरवे नमः 🙏🙏
डॉ.सीमा अग्रवाल
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
रज चरण की ही बहुत है राजयोगी मत बनाओ।
*प्रणय*
मेरे पिता
मेरे पिता
Ahtesham Ahmad
शीर्षक -घरौंदा
शीर्षक -घरौंदा
Sushma Singh
घूँघट घटाओं के
घूँघट घटाओं के
singh kunwar sarvendra vikram
!!समय का चक्र!!
!!समय का चक्र!!
जय लगन कुमार हैप्पी
काव्य में विचार और ऊर्जा
काव्य में विचार और ऊर्जा
कवि रमेशराज
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
🥀 *अज्ञानी की कलम*🥀
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
मन मयूर
मन मयूर
डॉ नवीन जोशी 'नवल'
तुम्हारे
तुम्हारे
हिमांशु Kulshrestha
नैनो में सलोने सपन भी ख़ूब जगाते हैं,
नैनो में सलोने सपन भी ख़ूब जगाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
*चरित्र ही यथार्थ सत्य*
*चरित्र ही यथार्थ सत्य*
Rambali Mishra
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
नैनीताल ही हवा ताजी नहीं जहरीली है !!!!
Rakshita Bora
नशा
नशा
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
धर्म भी अजूबा है।
धर्म भी अजूबा है।
Acharya Rama Nand Mandal
Sometimes a thought comes
Sometimes a thought comes
Bidyadhar Mantry
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
हमारी दुआ है , आगामी नववर्ष में आपके लिए ..
Vivek Mishra
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
"कोई तो बताए"
Dr. Kishan tandon kranti
12.धुंआ
12.धुंआ
Lalni Bhardwaj
2711.*पूर्णिका*
2711.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
दोहा बिषय- दिशा
दोहा बिषय- दिशा
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
ग़ज़ल _नसीब मिल के भी अकसर यहां नहीं मिलता ,
Neelofar Khan
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
तुम मुझे भूल जाओ यह लाजिमी हैं ।
Ashwini sharma
*हे शारदे मां*
*हे शारदे मां*
Dr. Priya Gupta
सबकी आंखों में एक डर देखा।
सबकी आंखों में एक डर देखा।
Kumar Kalhans
Loading...