शैलपुत्री
जगत धारिणी तुम ही दुख हारिणी
नमो नमो शैलपुत्री हिमाचल नंदिनी
शैल खण्ड से जन्मी तुम कहलाओ
हिमालय के घर अवतरित शैल पुत्री
नंदी पर सवार शैल पुत्री विराजमान
नवरात्रि में माँ का हर घर है आह्वान
दांये हाथ त्रिशूल सोहे है सुशोभित
करे धर्म अर्थ मोक्ष को जो संतुलित
बायें हाथ कमल पुष्प करे संकेतित
स्थूल जगत में जीवन है आशातीत
मन को देती है शैलपुत्री सक्रियता
विचारों को देती चट्टान सी स्थिरता
अन्तर्मन में व्याप्त करती है माँ उमंग
जीवन में भर देती है माँ सतरंगी रंग
ऋद्धि सिद्धि की तुम हो माँ दायिनी
महिमा तेरी हर जन ने है माँ मानी
नमो नमो शैलपुत्री पधारे घर हमारे
नमो नमो शैलपुत्री हरो कष्ट हमारे