परिवर्तन ही वर्तमान चिरंतन
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
मैं सिर्फ उनके लिए लिखता हूं
मंदिर में जाना जरुरी नहीं।
मोहब्बत है अगर तुमको जिंदगी से
*** चंद्रयान-३ : चांद की सतह पर....! ***
दीप ज्योति जलती है जग उजियारा करती है
प्रिये
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
जाति बनाने वालों काहे बनाई तुमने जाति ?
मेरा ब्लॉग अपडेट-5-7-2024
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
बड़ी बेरंग है ज़िंदगी बड़ी सुनी सुनी है,
ढूँढ़ रहे शमशान यहाँ, मृतदेह पड़ा भरपूर मुरारी
*उसी को स्वर्ग कहते हैं, जहॉं पर प्यार होता है (मुक्तक )*
अपने ही में उलझती जा रही हूँ,
विक्रमादित्य के बत्तीस गुण
महामोदकारी छंद (क्रीड़ाचक्र छंद ) (18 वर्ण)
तेरे पास आए माँ तेरे पास आए