Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
6 Jun 2023 · 1 min read

“शेष”

अतृप्ति, असन्तोष, उत्कंठा
और अनन्त तलाश….
तलाश किसकी?
नहीं ज्ञात
अनवरत अज्ञात तलाश…।
हर्ष,समृद्धि, प्रेम सब प्राप्य
समस्त संवेगों से परिपूर्ण हृदय
और प्रकृति के समस्त ऋणों से
उऋण देह…।
पुष्प पल्लवित उपवन
और मिश्री -सी मीठी तोतली वाणी
प्रेम – घन से भीगता आँगन
आदर्श माँ और गृहिणी के
तमगों से सम्मानित
और इस तेज से दमकता मुखमण्डल…!
किन्तु,
तृप्ति मे यह कैसी अतृप्ति…?
उल्लास मे यह विषाद कैसा.. ?
और सन्तुष्टि मे प्रतीक्षा कैसी?
क्या है,
जो अभी पाना है शेष…?
©निकीपुष्कर

3 Likes · 4 Comments · 184 Views

You may also like these posts

अधूरा प्रेम
अधूरा प्रेम
Mangilal 713
याद भी तेरी साथ लाती है।
याद भी तेरी साथ लाती है।
Dr fauzia Naseem shad
सत्य क्या है
सत्य क्या है
Minal Aggarwal
...
...
*प्रणय*
आओ थोड़ा मुस्करायें हम
आओ थोड़ा मुस्करायें हम
Ritu Asooja
Insaan badal jata hai
Insaan badal jata hai
Aisha Mohan
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
कैसे रखें हम कदम,आपकी महफ़िल में
gurudeenverma198
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
ये कलयुग है ,साहब यहां कसम खाने
Ranjeet kumar patre
कोई चाहे कितने भी,
कोई चाहे कितने भी,
नेताम आर सी
पानी पर ख़्वाब
पानी पर ख़्वाब
Shally Vij
झांसी वाली रानी
झांसी वाली रानी
इंजी. संजय श्रीवास्तव
परीलोक से आई हो 🙏
परीलोक से आई हो 🙏
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
-आजकल में थोड़ा स्वार्थी हो गया हु -
bharat gehlot
सौंदर्य
सौंदर्य
OM PRAKASH MEENA
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
भोले बाबा की महिमा भजन अरविंद भारद्वाज
अरविंद भारद्वाज
" वो "
Dr. Kishan tandon kranti
आज़ के पिता
आज़ के पिता
Sonam Puneet Dubey
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
हो पवित्र चित्त, चित्र चांद सा चमकता है।
Sanjay ' शून्य'
युद्ध का आखरी दिन
युद्ध का आखरी दिन
प्रकाश जुयाल 'मुकेश'
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
दिगपाल छंद{मृदुगति छंद ),एवं दिग्वधू छंद
Subhash Singhai
दोहा त्रयी. . . .
दोहा त्रयी. . . .
sushil sarna
नज़र
नज़र
Shakuntla Shaku
मां
मां
Charu Mitra
2617.पूर्णिका
2617.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
"सुनो एक सैर पर चलते है"
Lohit Tamta
*चुनावी कुंडलिया*
*चुनावी कुंडलिया*
Ravi Prakash
मेरे अधरों का राग बनो ।
मेरे अधरों का राग बनो ।
अनुराग दीक्षित
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
पंचतत्व का परमतत्व में विलय हुआ,
Anamika Tiwari 'annpurna '
"बेखुदी "
Pushpraj Anant
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इतनी शिद्दत से रहा इन्तज़ार मुझे।
इशरत हिदायत ख़ान
Loading...