शेर
212-212-212-212
छोड़ दो तुम नशा ज़िन्दगी के लिए
दूध और घी बने आदमी के लिए
मुद्दतों से जो छाया अँधेरा यहाँ
अब जला दो शमां रौशनी के लिए
लाख शुक़राना रब का अदा हम करें
नेमतें कितनी बख़्शी सभी के लिए
212-212-212-212
छोड़ दो तुम नशा ज़िन्दगी के लिए
दूध और घी बने आदमी के लिए
मुद्दतों से जो छाया अँधेरा यहाँ
अब जला दो शमां रौशनी के लिए
लाख शुक़राना रब का अदा हम करें
नेमतें कितनी बख़्शी सभी के लिए