शेर
अधूरे सपनों को क्यों न पलकों पे संजोया जाए
दिल में दर्द है ,क्यों ना कुछ देर रोया जाए
नींद आती है मगर ख़्वाब जागते हैं
ख़्वाब क्या है ? तुम्हें मांगते है
अधूरे सपनों को क्यों न पलकों पे संजोया जाए
दिल में दर्द है ,क्यों ना कुछ देर रोया जाए
नींद आती है मगर ख़्वाब जागते हैं
ख़्वाब क्या है ? तुम्हें मांगते है