शेर
ली साँस आज तक कितनी आँकते रहे
हर शाम जिन्दगी तुझको जानते रहे
अरमान का गला तुमने आज घोंट जब दिया
हम तार टूटते दिल के जोड़ते रहे
अब होठ की तो वक्त ने मुस्काँन छीन ली
बिन मौत हम सदा खुद को मारते रहे
जो फासले बने संग तेरे तो प्यार में
सारे ही भाव आज वो हम तोलते रहे