दिल को किसी के रंग में...
ग़ज़ल _ मिले जब भी यारों , तो हँसते रहे हैं,
हम हिम्मत हार कर कैसे बैठ सकते हैं?
मर्ज ए इश्क़ ( इश्क़ -ए हक़ीक़ी पर आधारित )
लिप्सा-स्वारथ-द्वेष में, गिरे कहाँ तक लोग !
She never apologized for being a hopeless romantic, and endless dreamer.
आत्म मंथन
सुशील मिश्रा ' क्षितिज राज '
ज़मीर मर गया सब का..और आत्मा सो गयी .....
दुनिया का सबसे बड़ा पुण्य का काम किसी के चेहरे पर मुस्कान ला
दिल में छुपे अलग से दर्द की कहानी,
माँ मैथिली आओर विश्वक प्राण मैथिली --- रामइकबाल सिंह 'राकेश'
!!! भिंड भ्रमण की झलकियां !!!