शेर
“हम दिल को कई रोज़ से बहलाये हुए हैं
काग़ज़ के कबाड़ों से घबराये हुए हैं”
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”रौशन रहते थे अपने परिचित बन्दे
अपरिचित हजार नोट से सताये हुए हैं.”
“हम दिल को कई रोज़ से बहलाये हुए हैं
काग़ज़ के कबाड़ों से घबराये हुए हैं”
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”रौशन रहते थे अपने परिचित बन्दे
अपरिचित हजार नोट से सताये हुए हैं.”