शेर
शराब की करामात
जितनी लगाई आग लगाई शराब ने।
वर्ना तो‚ हाँ ही कहा था शबाब ने।
‘किताब’
युद्ध से गहरी यहाँ थी शान्ति हर वक्त ही।
बस घृणा की आग लगाई‚ इस कितााब ने।
शराब की करामात
जितनी लगाई आग लगाई शराब ने।
वर्ना तो‚ हाँ ही कहा था शबाब ने।
‘किताब’
युद्ध से गहरी यहाँ थी शान्ति हर वक्त ही।
बस घृणा की आग लगाई‚ इस कितााब ने।