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23 Sep 2021 · 1 min read

शेर

ना वो गुफ़्तगू, ना ही ज़ुस्तजू
रिश्तों में फासलें इतनी क्यों?

बेकार की उलझनों में हर कोई
अपनेपन की एहमियत ना क्यूँ?
शायर-किशन कारीगर
(नोट-कॉपीराइट@)

Language: Hindi
Tag: शेर
214 Views
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