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8 Aug 2020 · 1 min read

मुक्तक

अब और नही होता इंतज़ार तुम्हारा
आँखें चाहती हैं अब दीदार तुम्हारा

हमने अपनी ज़िन्दगी ही तुम्हे सौंप दी
इससे ज़्यादा क्या करें ऐतबार तुम्हारा

Language: Hindi
409 Views
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