शेर
मुद्दतें गुज़र जाती हैं इक मुकाम हासिल करते-करते,
लहरों का क्या है वो इक पल में सब बहा ले जाती हैं।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !
मुद्दतें गुज़र जाती हैं इक मुकाम हासिल करते-करते,
लहरों का क्या है वो इक पल में सब बहा ले जाती हैं।
कामनी गुप्ता***
जम्मू !