शेर-शायरी
आ के नज़दीक मुँह न फेर ग़ज़ल
पास आ बैठ थोड़ी देर ग़ज़ल
सब तेरे नूर से चमकते हैं
लफ्ज़ मिसरे ख़याल शेर ग़ज़ल
संदीप ठाकुर
आ के नज़दीक मुँह न फेर ग़ज़ल
पास आ बैठ थोड़ी देर ग़ज़ल
सब तेरे नूर से चमकते हैं
लफ्ज़ मिसरे ख़याल शेर ग़ज़ल
संदीप ठाकुर