शेर:- धर्म और आस्था,
धर्म की कहानियां,
असंतुष्ट लोगों ने लिखी हैं,
संतुष्ट लोग तो,
इसमें रोजगार खोजने में लगे है,
.
धर्म का मार्ग तो,
खुद ही आस्था पर टिका हैं,
लोग एक दूसरे की थाली को देखते है
उसकि थाली में क्या-क्या सजा है,
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आस्था ही रखनी है,
तो उस एक में रखो,
जिससे इस दुनिया में सजावट हैं,
वरन् इस संसार में चकाचौंध तो पहले ही से बहुत अधिक बिखरी पड़ी है,