यहीं सब है
Mrs PUSHPA SHARMA {पुष्पा शर्मा अपराजिता}
1.राज "अविरल रसराजसौरभम्"
चलो जिंदगी का कारवां ले चलें
स्वर्ग से सुंदर मेरा भारत
पहले साहब परेशान थे कि हिन्दू खतरे मे है
अभाव और कमियाँ ही हमें जिन्दा रखती हैं।
हर दिन माँ के लिए
Sandhya Chaturvedi(काव्यसंध्या)
जिंदगी में जो मिला सब, सिर्फ खोने के लिए(हिंदी गजल गीतिका)
"तुम्हारे शिकवों का अंत चाहता हूँ
राजनीति में आने से पहले जनकल्याण
13) “धूम्रपान-तम्बाकू निषेध”
तड़फ रहा दिल हिज्र में तेरे