Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
12 Sep 2023 · 1 min read

शृंगारिक अभिलेखन

शीर्षक : शृंगारिक अभिलेखन
लेखक : डॉ अरुण कुमार शास्त्री – पूर्व निदेशक – आयुष – दिल्ली

हिंदी भाषा उत्तम भाषा ,
ये भाषा हमको बड़ी सुहाती है ।
इसके अभाव में देखो भाइयो ,
पहचान मेरी छुप जाती है ।

हिंदी की बिंदी के कारण ,
मस्तक उन्नत रहता है ।
माथे पर उसके प्रभाव का ,
सूर्य दमकता रहता है ।

हिंदी की बिंदी ने देखो ,
अलग छाप ही छोड़ी है ।
अशिक्षा के अँधियारे में,
ये सब भाषाओं की अग्रणी है ।

संस्कृत इसकी माता प्यारी ,
देव नगर से आई है ।
जिसका स्वागत करने को ,
हिंदी ने बिंदी लगाई है ।

गर्व करो , अभिमान करो ,
ये अद्भुत अलख जगाई है ।
हिंदी सीखो हिंदी सिखलाओ ,
हिंदी ही में कार्य करो ।

पुण्य कार्य ये होगा भाइयों ,
हिंदी का सम्मान करो ।
हिंदी की बिंदी के कारण ,
सबका पढ़ना आसान हुआ ।

अपनी भाषा अपनी बोली ,
माँ भारती का अभिमान हुआ ।
ज्ञान विज्ञान के लौकिक स्तर का,
ओजस्वी अभिसार हुआ ।

हिंदी भाषा उत्तम भाषा ,
ये भाषा हमको बड़ी सुहाती है ।
इसके अभाव में देखो भाइयो ,
पहचान मेरी छुप जाती है ।

©️®️

155 Views
Books from DR ARUN KUMAR SHASTRI
View all

You may also like these posts

जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
जो दूरियां हैं दिल की छिपाओगे कब तलक।
सत्य कुमार प्रेमी
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
टूटकर बिखरना हमें नहीं आता,
Sunil Maheshwari
तब मानूँगा फुर्सत है
तब मानूँगा फुर्सत है
Sanjay Narayan
आजादी विचारों की
आजादी विचारों की
Roopali Sharma
*नहीं समस्या का हल कोई, किंचित आलौकिक निकलेगा (राधेश्यामी छं
*नहीं समस्या का हल कोई, किंचित आलौकिक निकलेगा (राधेश्यामी छं
Ravi Prakash
*आत्म-मंथन*
*आत्म-मंथन*
Dr. Priya Gupta
पत्नी   से   पंगा   लिया, समझो   बेड़ा  गर्क ।
पत्नी से पंगा लिया, समझो बेड़ा गर्क ।
sushil sarna
"रिश्तों में खटास पड रही है ll
पूर्वार्थ
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
कभी गुज़र न सका जो गुज़र गया मुझमें
Shweta Soni
3. कुपमंडक
3. कुपमंडक
Rajeev Dutta
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
नहीं मतलब अब तुमसे, नहीं बात तुमसे करना
gurudeenverma198
आइना भी अब
आइना भी अब
Chitra Bisht
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
- तेरे बिना जी नही पाऊंगा -
bharat gehlot
युद्ध और शांति
युद्ध और शांति
Suryakant Dwivedi
गरीब हैं लापरवाह नहीं
गरीब हैं लापरवाह नहीं
Dr. Pradeep Kumar Sharma
तिरस्कार
तिरस्कार
rubichetanshukla 781
" कैसे "
Dr. Kishan tandon kranti
बड़ा सवाल
बड़ा सवाल
Sudhir srivastava
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
आँखों की गहराइयों में बसी वो ज्योत,
Sahil Ahmad
Ram
Ram
Sanjay ' शून्य'
बरसात
बरसात
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
सत्य की खोज
सत्य की खोज
Jeewan Singh 'जीवनसवारो'
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
मंत्र: सिद्ध गंधर्व यक्षाधैसुरैरमरैरपि। सेव्यमाना सदा भूयात्
Harminder Kaur
Thought
Thought
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
बदला सा व्यवहार
बदला सा व्यवहार
विनोद वर्मा ‘दुर्गेश’
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
सुनो पहाड़ की....!!! (भाग - ११)
Kanchan Khanna
गीत
गीत
Shiva Awasthi
ग़म का दरिया
ग़म का दरिया
देवेंद्र प्रताप वर्मा 'विनीत'
दुमदार दोहे
दुमदार दोहे
seema sharma
हमने ये शराब जब भी पी है,
हमने ये शराब जब भी पी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...