शून्य
शून्य
जानों तो शून्य कुछ नहीं ,मानो तो अति महान ।
बिन शून्य गणना नहीं, अंको से मिलन महान।
बिना जीव देह शून्य है, है देह शव समान।
बिना नीर घट सूना है ,बिन तारे शून्य आसमान।
निर्मोही हृदय शून्य है, ज्यूं वन में वनराज।
जो मिला भक्षण किया , आवे जरा न लाज।
धर्म -कर्म से शून्य जो, तजते मानव अधिकार।
इस धरा पर बोझ है, ज्यूं बोझ गदर्भ सवार ।
पांच भूतों से शून्य जो, वह नर संत सुजान।
सुख-दुख से परे हुए ,प्रभु से मेल मिलान।
ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर (हिमाचल प्रदेश)