#कुंडलिया//मानवता ह्रास
गिरगिट मानव हो गया , पल में बदले बात।
कहलो बगुला भक्त भी , तन-मन अलग बिसात।।
तन मन अलग बिसात , करे पल-पल में धोखा।
ऐसी है तासीर , लाख दे कहता खोखा।
सुन प्रीतम की बात , बनो मत इतने नटखट।
हर कोई दे बोल , यही है असली गिरगिट।
#आर.एस. ‘प्रीतम’