मंज़िल को तुम्हें यदि पाना हो ,तो चलते चलो तुम रुकना नहीं !
अच्छा खाना
Dr. Reetesh Kumar Khare डॉ रीतेश कुमार खरे
वो एक एहसास
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
किसी मोड़ पर अब रुकेंगे नहीं हम।
सफलता और खुशी की कुंजी हमारे हाथ में है, बस हमें उस कुंजी का
मैं उसे पसन्द करता हूं तो जरुरी नहीं कि वो भी मुझे पसन्द करे
तेरी यादें बजती रहती हैं घुंघरूओं की तरह,
विवाह समारोहों में सूक्ष्मता से की गई रिसर्च का रिज़ल्ट*
एक और बलात्कारी अब जेल में रहेगा
यूं ही हमारी दोस्ती का सिलसिला रहे।
कुछ प्रेम उत्सव नहीं मना पाते
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
वो समझते हैं नाज़ुक मिज़ाज है मेरे।