शुभ प्रभात
उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से,
ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से।
बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो
अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम
उगता सूरज दिखा रहा है,जादू अपनी किरणों से,
ओस के मोतियों को,पिरोता है अपनी किरणों से।
बिगुल बजा देता है,उठो भोर अब हो गई है दोस्तो
अलसाई आंखो से नींद चुरा लेता अपनी किरणों से।।
आर के रस्तोगी गुरुग्राम