शुभ प्रभात मित्रो !
शुभ प्रभात मित्रो !
काल की गति अबाध है । इसका चक्र सदैव चलता रहता है । अपने कर्मानुसार हमारा मन दुख और सुख की अनुभूतियों का भोग करता है । यह कालचक्र का प्रभाव है जिसका नियंत्रण प्रभु के हाथों में है । ऐसे प्रभु के श्री चरणों में आइये नमन निवेदित करें ।
जय श्री राधे !
जय श्री कृष्ण !
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