Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
8 Nov 2018 · 1 min read

शुभ दीवाली होगी

शुभ दीवाली होगी

मन का तिमिर जब मिट जाएगा
तन का भेद जब सिमट जाएगा
प्रस्फुटित होगा जब ज्ञान प्रकाश
अमावस में भी चमकेगा आकाश
घर घर में जब खुशहाली होगी
समझना तब शुभ दिवाली होगी।

जब नौजवानों का उमंग खिलेगा
दिल से दिल का जब तरंग मिलेगा
नव सर्जन का जब होगा उल्लास
शब्द अलंकारों का होगा अनुप्रास।
जब मस्ती अल्हड़ निराली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

हर हाथ को जब काम मिलेगा
हर साथ को जब नाम मिलेगा
कर्ज में डूबकर ना मरे किसान
फ़र्ज़ में पत्थर से न डरे जवान
जीवन में ना जब बदहाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

भूखमरी, गरीबी और बेरोजगारी
इससे बड़ी कहाँ और है बीमारी
इन मुद्दों का जब भी शमन होगा
सियासी मुद्दों का तब दमन होगा
गली-गली सड़क और नाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

जब सत्य-अहिंसा की जय होगी
संस्कृति-संस्कारों की विजय होगी
जब हर घर ही प्रेमाश्रम बन जाए
फिर कौन भला वृद्धाश्रम जाए।
मुहब्बत से भरी जब थाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

जब कोख में बिटिया नहीं मरेगी
दहेज की बेदी जब नहीं चढ़ेगी
जब औरतों पर ना हो अत्याचार
मासूमों का जब ना हो दुराचार।
जब माँ-बहन की ना गाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

मुद्दों की फेहरिस्त है लम्बी इतनी
लंका में पवनसुत पूंछ की जितनी
सब पूरा होना समझो रामराज है
राम को ही कहाँ मिला सुराज है!
अयोध्या में जब वो दीवाली होगी
समझना तब शुभ दीवाली होगी।

©पंकज प्रियम
7.11.2018

Language: Hindi
2 Likes · 2 Comments · 498 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
"पं बृजेश कुमार नायक"(Pt. Brajesh kumar nayak)का संक्षिप्त परिचय
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
कौन किसके सहारे कहाँ जीता है
VINOD CHAUHAN
तन्हाई को तोड़ कर,
तन्हाई को तोड़ कर,
sushil sarna
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
इक अदा मुझको दिखाया तो करो।
सत्य कुमार प्रेमी
■फ़ितरत वाली बात■
■फ़ितरत वाली बात■
*प्रणय*
कौन कहता है कि अश्कों को खुशी होती नहीं
कौन कहता है कि अश्कों को खुशी होती नहीं
Shweta Soni
कुछ लोगों के बाप,
कुछ लोगों के बाप,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
**** मानव जन धरती पर खेल खिलौना ****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
सीखो मिलकर रहना
सीखो मिलकर रहना
gurudeenverma198
वन गमन
वन गमन
Shashi Mahajan
बेवफ़ा
बेवफ़ा
singh kunwar sarvendra vikram
Live life in moments, not in days or years or your schedules
Live life in moments, not in days or years or your schedules
पूर्वार्थ
🌹पत्नी🌹
🌹पत्नी🌹
Dr .Shweta sood 'Madhu'
बाण मां के दोहे
बाण मां के दोहे
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
"कबड्डी"
Dr. Kishan tandon kranti
जवाब के इन्तजार में हूँ
जवाब के इन्तजार में हूँ
Pratibha Pandey
नज़्म - चांद हथेली में
नज़्म - चांद हथेली में
Awadhesh Singh
स्वयं को बचाकर
स्वयं को बचाकर
surenderpal vaidya
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा  तेईस
खट्टी-मीठी यादों सहित,विदा हो रहा तेईस
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
उलझन से जुझनें की शक्ति रखें
तारकेश्‍वर प्रसाद तरुण
“मेरे जीवन साथी”
“मेरे जीवन साथी”
DrLakshman Jha Parimal
कुछ लोग इस ज़मीन पे
कुछ लोग इस ज़मीन पे
Shivkumar Bilagrami
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
खामोशी : काश इसे भी पढ़ लेता....!
VEDANTA PATEL
कभी कभी
कभी कभी
Sûrëkhâ
जीवन की नैया
जीवन की नैया
भरत कुमार सोलंकी
3755.💐 *पूर्णिका* 💐
3755.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
आज रविवार है -व्यंग रचना
आज रविवार है -व्यंग रचना
Dr Mukesh 'Aseemit'
कितना बदल रहे हैं हम ?
कितना बदल रहे हैं हम ?
Dr fauzia Naseem shad
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
अफ़सोस इतना गहरा नहीं
हिमांशु Kulshrestha
Loading...