शुभ्र मन, शुभ्र तन, शुभ्र हिमालय मेरा पता
शुभ्र मन, शुभ्र तन, शुभ्र हिमालय मेरा पता,
शुभ्र गाँव, शुभ्र शहर,शुभ्र भारत मेरा पता,
शुभ्र मिट्टी, शुभ्र नदी, शुभ्र वृक्ष मेरा पता,
शुभ्र राह, शुभ्र जीवन, शुभ्र प्यार मेरा पता।
खो गया यहीं कहीं तो ढूंढ लेना मेरा पता,
साफ-साफ दिखे नहीं तो माँग लेना पावन पता,
आत्मा के पार पहुंचा शुभ्र द्वार ही मेरा पता,
शुभ्र गीत, शुभ्र संगीत, शुभ्र लय ही मेरा पता।
निकल कर जो बहा वही है मेरा पता,
दुख में जो मिटा नहीं वही है मेरा पता,
हँसते-रोते जो लिखा वही है मेरा पता,
शुभ्र शब्द, शुभ्र नाम,शुभ्र काम मेरा पता।
***महेश रौतेला