शुभारम्भ है
नव वर्ष 2023 कि शुभकामनाएं-
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
लुका छिपी सूरज की बहुत ठंड है।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
शहरों गलियों फुटपाथों पर सोया भूखा जीवन ठिठुर ठिठुर कर तंग है।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
भोर कोहरे कि चादर ओढ़े
आकाश शीत लहर है।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
किसान गावं का संसय में
श्रम व्यर्थ का भय हैं ।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
बीते वर्ष के शुख दुःख हर्ष विषाद
याद संग है।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
वैश्विक मनवावता कही भुखमरी
कुपोषण संक्रमण से लडती कही
यर्थ का जंग है ।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ है
आने वाला पल प्रहर नई चुनौती अवसर उपलब्धि का आगमन शुभ आशा अभिलाषा
अंत नहीं अनंत पथ हैं।।
शुभारम्भ है शुभारम्भ हैं
जाने कितनो को खोया बीते वर्ष ने आने वाला शुख़ शांति वैभव कि आशाओं का अंतर्मन है।।
शुभारम्भ को शुभ बनाए घृणा द्वेष जंगो के मैदानों को त्यागे मानवता कि अलख जगाए बैर भाव में करुणा क्षमा दया कि
अलख जगाए ।।
शुभ आगमन को शुभारम्भ
बनाए मन से गाए शुभारम्भ है शुभारम्भ है।।
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर गोरखपुर उतर प्रदेश।।