शुभकामना संदेश
जीवन भर खुशियाँ मिलें, ईश कृपा हो माथ।
रहें सदा जैसे रहे, कवि-कविता का साथ।।
कवि-कविता का साथ, रहे ना इक दूजे बिन।
रहो महकते झूमते, तुम हरपल हर दिन।।
कहे नवल कविराय, रहे कुसुमित घर आँगन।
दिन दूना निशि चौगुना, हो खिलता जीवन।।
– नवीन जोशी ‘नवल’