Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 May 2023 · 1 min read

शुभकामना संदेश

शुभकामना संदेश

निकली है दिल से दुआ,दूर तलक जाएगी…..
आपके जीवन में आने वाली हर बाधा, स्वयं ही कट जाएगी।
नव रंग, नव उमंग से आपकी हर राह खुल जाएगी।
आपके संघर्ष की तपिश, कईयों के जीवनमार्ग को प्रशस्त कर जाएगी।
यकीन है मुझे कि मेरी सब गुस्ताखियां माफ़ कर दी जाएगी।
जब मेरी लिखी कविता आपको पढ़कर सुनाई जाएगी।
माना कि आपकी कमी किसी भी वस्तु से नहीं भरी जाएगी।
आपके जीवन में नव आशा हो, नव विश्वास हो, मिलने वाला हर शख्स भी ख़ास हो।
आप जहां भी रहे, अपनेपन का अहसास हो।
सड़क नई हो या पुरानी
आपके पूरे परिवार पर बनी रहे ईश्वर की मेहरबानी।
उच्च प्रयास हो, आपके जीवन में आने वाले
मौके भी ख़ास हो।
इसी आशा और विश्वास से बनी रहें ।
रिश्ते में विश्वास और मिठास ।
यहीं हैं परम पिता से मेरी अरदास।
आभार सहित
रजनी कपूर

Language: Hindi
2 Likes · 168 Views
Books from Rajni kapoor
View all

You may also like these posts

बलि और वामन, राधे श्यामी छंद
बलि और वामन, राधे श्यामी छंद
guru saxena
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
वो कौन थी जो बारिश में भींग रही थी
Sonam Puneet Dubey
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
तुम्हारी बेवफाई देखकर अच्छा लगा
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
जय जगन्नाथ भगवान
जय जगन्नाथ भगवान
Neeraj Agarwal
सिर्फ़ सवालों तक ही
सिर्फ़ सवालों तक ही
पूर्वार्थ
"वक्त"
Dr. Kishan tandon kranti
आधार खेती बारी
आधार खेती बारी
आकाश महेशपुरी
दृष्टिकोण
दृष्टिकोण
Dhirendra Singh
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
लुटा दी सब दौलत, पर मुस्कान बाकी है,
Rajesh Kumar Arjun
मौन
मौन
लक्ष्मी सिंह
प्रेम की पराकाष्ठा
प्रेम की पराकाष्ठा
Laxmi Narayan Gupta
मेरी आँचल
मेरी आँचल
ललकार भारद्वाज
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
महाकवि विद्यापति आ महारानी लखिमा देवी: प्रेम प्रसंग!
Acharya Rama Nand Mandal
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
जख्म वह तो भर भी जाएंगे जो बाहर से दिखते हैं
Ashwini sharma
अजनबी रातेँ
अजनबी रातेँ
Rambali Mishra
4617.*पूर्णिका*
4617.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
डॉ अरूण कुमार शास्त्री
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कहानी- 'भूरा'
कहानी- 'भूरा'
Pratibhasharma
"समझदार लोग किसी की ईंट के बदले पत्थर नहीं फेंकते। ईंटों को
*प्रणय*
आई अमावस घर को आई
आई अमावस घर को आई
Suryakant Dwivedi
बुद्ध रूप में गुरू बन गये
बुद्ध रूप में गुरू बन गये
Buddha Prakash
तू नर नहीं नारायण है
तू नर नहीं नारायण है
Dr. Upasana Pandey
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा
भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
हर इंसान को भीतर से थोड़ा सा किसान होना चाहिए
ruby kumari
क्षणिका :
क्षणिका :
sushil sarna
खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
खुद के ताबूत से हीं, खुद को गवां कर गए।
Manisha Manjari
10. *असम्भव नहीं कुछ*
10. *असम्भव नहीं कुछ*
Dr .Shweta sood 'Madhu'
संवेदना(कलम की दुनिया)
संवेदना(कलम की दुनिया)
Dr. Vaishali Verma
दिनकर
दिनकर
श्रीहर्ष आचार्य
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
पंखो सी हलकी मुस्कान तुम्हारी ,
Manisha Wandhare
Loading...