शुद्ध ब्यापार
ये मंडी है मंडी यहाँ सब बिकते है
भइया बोलकर ईमान कहाँ टिकते है
कसम खाने को तो बच्चों की कसम खा जाए
ये बाजार है, सच झूठ के कदमो में झुकते है
अम्बार है तरकीबों का, जुगाड़ लगते है
हर उम्र के लिए हर रंग के मुखौटे तैयार मिलते है
मंडी में मर्ज का इलाज मरीज की हैसियत पर है
फिर मरीज मर्ज को और वैद्य इलाज चुनते है
यहाँ हर प्रकार के बच्चों को एक रेस में दौड़ाते है
उनके माँ बाप आप ही बच्चों पर पैसा लगाते है
‘अहमियत पैसे की’ ये पाठ महीने की एक को आता है
तोते यहाँ बच्चों को बोलना सिखाते है
मंडी में जिस्मो की दुकान अभी ताजी ताजी आई है
इसमे जिस्म खोलने और बांधने दोनों में कमाई है
छूट है, ऑफर है और फ्री डिलीवरी भी घर पर
कैसे धंधा बढेगा मंडी में उचित दर में बताते है
माँ बाप भाई बहन पत्नी और दूल्हे उपलब्ध मिलते है
यहाँ तो भगवान भी हर कलर और साइज में दिखते है
उपरोक्त कोई आरोप नही, अन्यथा न ले इसे
मंडीबिद इसे शुद्ध और केबल शुद्ध व्यापार कहते है