शुक्रिया है ….(भक्ति-गीतिका)
शुक्रिया है ….(भक्ति-गीतिका)
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(1)
शुक्रिया सौ बार तेरा शुक्रिया है
हे प्रभो जो जन्म मानव का दिया है
(2)
हाथ पैरों से सलामत चल रहे हैं
हे प्रभो अहसान यह क्या कम किया है
(3)
जोड़कर चाहे बड़े गोदाम भर लो
अंत में उसने सभी से ले लिया है
(4)
कौन झूमेगा नशे में उससे ज्यादा
जाम उसके नाम का जिसने पिया है
(5)
सौ साल का जीवन हो या फिर साठ का
देखने की बात है कैसा जिया है
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रचयिता: रवि प्रकाश बाजार सर्राफा ,रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99 97 61 545 1