Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 Jun 2024 · 1 min read

“शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग”

“शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग”
गर किसी की कुछ मदद करो
तो शुक्रिया अदा कर देते हैं लोग!
पर ऐसा करके परायेपन का
एहसास जगा देते हैं लोग!
क्यूॅं नहीं अपनापन जताने का
कुछ और तरीका अपना लेते हैं लोग।
अजित कर्ण ✍️

1 Like · 88 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
सफ़ीना छीन कर सुनलो किनारा तुम न पाओगे
आर.एस. 'प्रीतम'
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
कोई भी जंग अंग से नही बल्कि हौसले और उमंग से जीती जाती है।
Rj Anand Prajapati
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
मन मंथन पर सुन सखे,जोर चले कब कोय
Dr Archana Gupta
देख लेते
देख लेते
Dr fauzia Naseem shad
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
🌻 गुरु चरणों की धूल🌻
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
*धरती हिली ईश की माया (बाल कविता)*
Ravi Prakash
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
अधिक हर्ष और अधिक उन्नति के बाद ही अधिक दुख और पतन की बारी आ
पूर्वार्थ
लाख कर कोशिश मगर
लाख कर कोशिश मगर
Chitra Bisht
आप
आप
Bodhisatva kastooriya
अबला सबला हो गई,
अबला सबला हो गई,
sushil sarna
कविता : नारी
कविता : नारी
Sushila joshi
चाँद
चाँद
Atul "Krishn"
तन्हाई
तन्हाई
Surinder blackpen
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
हम सब भी फूलों की तरह कितने बे - बस होते हैं ,
Neelofar Khan
उम्मीद
उम्मीद
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
जीवन संध्या में
जीवन संध्या में
Shweta Soni
हमारा दिल।
हमारा दिल।
Taj Mohammad
किसान
किसान
Dinesh Kumar Gangwar
वक़्त के साथ खंडहर में
वक़्त के साथ खंडहर में "इमारतें" तब्दील हो सकती हैं, "इबारतें
*प्रणय*
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
खुद में भी एटीट्यूड होना जरूरी है साथियों
शेखर सिंह
" बेवजह "
Dr. Kishan tandon kranti
कविता
कविता
Rambali Mishra
** शैलपुत्री **
** शैलपुत्री **
surenderpal vaidya
कैसे निभाऍं उस से, कैसे करें गुज़ारा।
कैसे निभाऍं उस से, कैसे करें गुज़ारा।
सत्य कुमार प्रेमी
भावात्मक
भावात्मक
Surya Barman
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
छोड़ तो आये गांव इक दम सब-संदीप ठाकुर
Sandeep Thakur
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
3359.⚘ *पूर्णिका* ⚘
Dr.Khedu Bharti
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
शाम सवेरे हे माँ, लेते हैं तेरा हम नाम
gurudeenverma198
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
बड़े महंगे महगे किरदार है मेरे जिन्दगी में l
Ranjeet kumar patre
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
गर्म दोपहर की ठंढी शाम हो तुम
Rituraj shivem verma
Loading...