शुकराना
किन लफ्जों मैं बयां करूं, ये खुदा मैं तेरा शुकराना
जेहन में ऐसे लफ्ज नहीं, क्या पेश करूं मैं अफसाना
जान न पाए तुम्हें फरिश्ते, बंदा परवर हूं अंजाना
किन लफ्जों में बयां करूं, ये खुदा मैं तेरा शुकराना
जिस्म आदमी का बख्शा, दिया अक्ल का नजराना
बख्शी कुदरत की नेमत, एक अनमोल खजाना
नेक राह पर सदा चलूं, न भूलूं फर्ज निभाना
नहीं किसी को दुख पहुंचाऊं, ऐंसी राह दिखाना
किन लफ्जों में बयां करूं, ये खुदा मैं तेरा शुकराना
करता रहूं मैं सदा नेकिंयां, बदियों से मुझे बचाना
जब आ जाए मेरी बारी, चरणों में मुझे बिठाना
किन लफ्जों में बयां करूं, ये खुदा मैं तेरा शुकराना