शीर्षक -मातृभूमि के लाल
शीर्षक -मातृभूमि के लाल!
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हम सभी मिल दो अक्टूबर को,
गांधी, शास्त्री जयंती को मनाएं।
भारतवासी हम सभी मिलकर,
इनके नाम प्रेम का दीप जलाएं।।
भारत की मातृभूमि में जन्मे,
बापू और लाल बहादुर।
देश की आजादी में सदा,
आगे रहे हमारे यह बहादुर।।
सत्यमार्ग पर चलने की,
सभी को सीख दे गए बापू।
शांति, अंहिसा और प्रेम,
जगत में फैलाए थे बापू।।
जय-जवान जय-किसान,
लाल बहादुर का नारा था।
उनके अटल इरादों से,
‘पाक, हिन्द से हारा था।।
बापू के आदर्शों और, शास्त्री
जी के पथ में कदम बढ़ाएं।
अपने देश को विकसित कर,
नए पथ पर आगे बढ़ते जाएं।
बापू, बहादुर के पदचिन्हों पर जाएं,
और अपने देश का हम मान बढ़ाएं।
युगों -युगों में होते हैं, पैदा लाल ऐसे,
लाल बहादुर और, महात्मा गांधी जैसे।
अपना सर्वस्व जीवन किया न्योछावर,
अपनी मातृभूमि की रक्षा के लिए।
जन-जन के हृदय में दोनों बसते हैं,
राष्ट्रभक्ति और देश की आजादी लिए।
रघुपति राघव राजा राम बापू बोले,
देशवासी सभी मिलकर गाएं।
जय-जवान जय-किसान का नारा,
सभी मिलजुल हृदय से लगाएं।।
दोनों महान विभूतियों को हम
शत् – शत् नमन करते हैं।
और हृदय से वंदन करते हैं!!
सुषमा सिंह*उर्मि,,
कानपुर