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4 Nov 2021 · 1 min read

शीर्षक: नरकासुर है कोरोना

यह कोरोना है एक नरकासुर,
हे!चक्रधर तू नरकासुर का वध करना।

16000 क्या अगणित नर -नारियों को मुक्त करना ,
तेरे सुदर्शन से, कोरोना वायरस को मारना।

कोरोना महामारी की कड़ी तोड़ना,
फिर दीपावली के फटाके उड़ाना।

हे !चक्रधर तू और एक बार अवतार लेना,
मिट्टी के दीए जलाकर करुणा को मिट्टी में मिलाना।

इस वर्ष दीपावली के दीए से उसे जलाना, कोरोना नरकासुर का वध करना ।

हे! चक्रधर तू और एक बार अवतार लेना,
अब तिलक नहीं, कोरोना की दो टिकिया लगाना।

अब कमर धागेसे कोरोना को बांधना,
नर -नारायण की नहीं ,कोरोना वालेंटियर की आरती उतारना।

कोरोना से ग्रस्त लोगों की मदद करना,
कवि रमेश का यही एक कहना ।
चक्रधर तू और एक बार अवतार लेना।

रचनाकार:रमेश मालचिमणे

Language: Hindi
162 Views
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