शीर्षक: कभी खुशी कभी ग़म पापा
शीर्षक: कभी खुशी कभी ग़म पापा
ख़ुशी की बात आप ने की परवरिश मेरी
खून पसीने से सभी इच्छाए की पूर्ण मेरी
नही होने दिया किसी भी कमी का अहसास
बस लगे रहे जीवन भर मेरी पूर्ति में
कभी भी नही झलकाया अपना दुख दर्द
लगे रहे जीवन भर मेरी खुशियो को एकत्र करने में
बस खुशी यही कि मैं एक ईमानदार पिता की बेटी
अपने पर गर्व करती हूँ सौभाग्य समझती हूँ
ईश्वर की असीम अनुकम्पा रही मुझपर जो
आपसे पापा के रूप में आप मिले मुझे
और ग़म की बात कि अब आप नही सदृश्य मेरे
अनहोनी को कोई टाल नही सकता है
न जाने अनजाने से हो गए आप मुझसे
क्यो रूठ कर चल दिये बिन मिले ही मुझसे
अब आप साथ नही मेरे पर संस्कार रूप में
सदैव संग संग हो मेरे हर कार्य मे संग संग
आपकी बात आज भी गठबंधन की हुई है मैने
नही छोड़ सकती आपकी बिटिया आपका संस्कार
आपका दिया नेह नही भूल सकती कभी
और आपकी हर बात मेरे लिए सबक हैं अब
बस आप साथ नही है परोक्ष रूप में मेरे पास
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद