शीर्षक:फ़सल
शीर्षक:फसल
किसान की रौनक फसलें हैं…
आज गई खेतो में अपने
देखा फसलों को लहलाते
गेंहू की बालियां हुई सुनहरी
मानो किसान ने बोया सोना
किसान की रौनक फसलें है…
खिल उठे किसान के चेहरे
मानो मिली अमृत की धारा
आम भी बोराये देखे आज
कोयल कुहू कुहू पाई मैने
किसान की रौनक फसलें हैं….
हवा में मानो आम के बोर ने
महकाई हो खुशुब न्यारी सी
खेतो में मानो यौवन घूम रहा हो
स्वप्न किसान के पूर्ण हुए हो
किसान की रौनक फसलें हैं….
फसलों से आंनद मिला तो
किसान की मेहनत हुई सफल हो
नानी के आँगन में महुआ भी प्रफुल्लित
महुआ महकाये आँगन को खुशबू से
किसान की रौनक हैं फसलें….
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद