शीर्षक:सिलसिला पापा की यादो का
शीर्षक:सिलसिला पापा की यादो का
सिलसिला बदस्तूर यूँ ही जारी है
मेरे शब्दों का रुप लेकर
आपकीतस्वीर को जब भी देखती हूँ
कलम ओर शब्द यूँ ही चलते है
क्योंकि…
सिलसिला पापा की यादो का.!
सिवा आपकी तस्वीर के आज भी
बाकी सभी कागज को कोरा देखती हूँ
देखती हूँ मैं तस्वीर आपकी
उतना ही डूब जाती हूँ यादो में
क्योंकि…
सिलसिला पापा की यादो का.!
सिलसिला बदस्तूर यूँ ही जारी है
मेरे शब्दों का रूप लेकर
आपकी यादों का कहर बदस्तूर यूँ ही जारी हैं
दिल की पीड़ा शब्दो मे झलक जाती हैं
क्योंकि…
सिलसिला पापा की यादो का.!
कोरे पन्ने भी शब्दो से रोने लगते हैं
जब भी शब्द लिखती हूँ न जाने क्यों
रोशनाई भी बहती सी नजर आती हैं
सिलसिला बदस्तूर यूँ ही जारी है मेरे शब्दों का
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद