शीर्षक:सिर्फ़ निकलने के लिए
सिर्फ़ निकलने के लिए…..!
वो झूठी कसमें, वादे, साथ का फरेब
वो तोहफे,वो बाहर घूमने के जाल
कितना कुछ खेल करते हैं लोग,
सिर्फ अपना वक्त गुजारने
के लिए…..!
हमेशा साथ का वादा करना
वो साथ मिलकर मौजमस्ती
दोहरे चेहरे लिए लोगो का जीवन में
आना सिर्फ अपना वक्त गुजारने
के लिए…..!
वो तोहफ़ों में अपनी शान दिखाना
होटलो का खाना खिलवाना
साथ फ़िल्म देखना और मस्ती करना
अस्मत से खेलकर सिर्फ निकलने
के लिए…..!
डॉ मंजु सैनी
गाजियाबाद