शीर्षक:श्रद्धये हो तुम
ख़ुद पर फक्र करो कि
तुम एक औरत हो
तुम दुनिया से नही
दुनिया ही तुम से है
तुम ही जीवनदायिनी हो
ये स्रष्टि तुम से है
नमन आज ही क्यों नारी को
प्रतिदिन तुम हो श्रध्येय
ख़ुद पर फक्र करो कि
तुम एक औरत हो
तुम दुनिया से नही
दुनिया ही तुम से है
तुम ही जीवनदायिनी हो
ये स्रष्टि तुम से है
नमन आज ही क्यों नारी को
प्रतिदिन तुम हो श्रध्येय