Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
1 Jun 2022 · 1 min read

शीर्षक:रोटी दो जून की

शीर्षक:रोटी दो जून की

दो जून की रोटी कमाने में
कुछ तो छूट गया पीछे
अपनो को छोड़ भागमभाग में
रफ्तार पकड़ गया
न जाने क्यूँ दो जून की रोटी जमाने में।

दुआओ में शायद असर कम हो गया
आज बस पैसे पर ही
भरोसा ठहर गया
अपने सभी पराये बना लिए
न जाने क्यूँ दो जून की रोटी जमाने में।

अपनों से ज्यादा आजकल
पैसों पर भरोसा बन गया
आदमी ही आदमी से खोफ़ खाने लग गया
पैसो के पीछे भागने जो लग गया
न जाने क्यूँ दो जून की रोटी जमाने में।

कुछ कमियां तो रही संस्कार में
रही होंगी दूरियां अपनो में
कुछ बड़ो को इज्जत देबे में
हम आज पीछे रह गए
न जाने क्यूँ दो जून की रोटी जमाने में।

अनचाहे ही गुनाह सा होने लगा
मैंने भी आपने भी सभी ने किया
अपनो को छोड़ कमाने निकल पड़े
अनजाने ही बहुत कुछ पीछे छूट गया
न जाने क्यूँ दो जून की रोटी जमाने में।

डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 1 Comment · 272 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
🌸 सभ्य समाज🌸
🌸 सभ्य समाज🌸
पूर्वार्थ
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
हसलों कि उड़ान
हसलों कि उड़ान
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
पद्मावती पिक्चर के बहाने
पद्मावती पिक्चर के बहाने
Manju Singh
धैर्य.....….....सब्र
धैर्य.....….....सब्र
Neeraj Agarwal
*
*"गुरू पूर्णिमा"*
Shashi kala vyas
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
सदा किया संघर्ष सरहद पर,विजयी इतिहास हमारा।
Neelam Sharma
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
देख भाई, सामने वाले से नफ़रत करके एनर्जी और समय दोनो बर्बाद ह
ruby kumari
हृदय मे भरा अंधेरा घनघोर है,
हृदय मे भरा अंधेरा घनघोर है,
Vaishnavi Gupta (Vaishu)
नीला अम्बर नील सरोवर
नीला अम्बर नील सरोवर
डॉ. शिव लहरी
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
किसने कहा, ज़िन्दगी आंसुओं में हीं कट जायेगी।
Manisha Manjari
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
खुदा ने तुम्हारी तकदीर बड़ी खूबसूरती से लिखी है,
Sukoon
पुष्प और तितलियाँ
पुष्प और तितलियाँ
Ritu Asooja
क्षणिका :  ऐश ट्रे
क्षणिका : ऐश ट्रे
sushil sarna
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
प्रकृति
प्रकृति
लक्ष्मी सिंह
*गम को यूं हलक में  पिया कर*
*गम को यूं हलक में पिया कर*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
वसंत पंचमी
वसंत पंचमी
Dr. Vaishali Verma
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
असली पंडित नकली पंडित / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
बच्चे ही मां बाप की दुनियां होते हैं।
सत्य कुमार प्रेमी
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
तुम जहा भी हो,तुरंत चले आओ
Ram Krishan Rastogi
*राम मेरे तुम बन आओ*
*राम मेरे तुम बन आओ*
Poonam Matia
कुछ भी तो इस जहाँ में
कुछ भी तो इस जहाँ में
Dr fauzia Naseem shad
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
जिस्म से जान जैसे जुदा हो रही है...
Sunil Suman
मंहगाई
मंहगाई
नेताम आर सी
तोड़ डालो ये परम्परा
तोड़ डालो ये परम्परा
VINOD CHAUHAN
3156.*पूर्णिका*
3156.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
#बाल_दिवस_से_क्या_होगा?
*Author प्रणय प्रभात*
तू सहारा बन
तू सहारा बन
Bodhisatva kastooriya
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
फलक भी रो रहा है ज़मीं की पुकार से
Mahesh Tiwari 'Ayan'
Loading...