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9 Mar 2022 · 1 min read

शीर्षक:रंगों का त्यौहार

?रंगों का त्योहार ?

तन के तार छूए बहुतो ने
पर मिला न मीत अपना सा
मन का तार न भीगा
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली हैं।

देखी पहले भी होली
दुनियां की रंगीनी की
किन्तु रही कोरी की कोरी
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली हैं।

मेरी चादर झीनी झीनी
रंग से हो गई गीली गीली
आओ उसको अपने रंग में रंगने
तुम अपने रंग में रंग लो
तो समझूँ कि आज होली हैं।

Language: Hindi
111 Views
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