Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Nov 2022 · 1 min read

शीर्षक:यादों के खंडहर

****यादों के खंडहर****

अतीत की यादों के ये खण्डहर
आज भी सुनसान भुताहे से हैं
मौन हैं पर बवंडर बन तड़फाते हैं
खड़े यादों में सीना तान हो जाते हैं
अनगिनत यादों का कारवां मानों
संग चलता हैं और तोड़ता हैं मुझे
कितनी कही अनकही बातें हैं जो दफ़्न हैं
बहती हैं उनकी यादें तूफान सी आवाज से
मानों नष्ट कर देंगे सारे तूफान मेरे रेतीले से
उद्दवेलित होते मन के दबे भाव रूपी भवन को
यादों की तेज हवा मानो बह चली हो
और मेरे मन के भीतर तक झोंके पहुंच गए हों
भीतर बड़े जज़्बात मानों यादों से हिल गए हों
वक़्त की हवाओं संग अतीत की यादें
गुजरते वक़्त की वो मुलाकातें
यादों की कहानियां मेरे मन के कोने में दबी सी
हर कहानी मानो यूँ ही अंतहीन होती सी
पल पल अतीत की यादों में
घूमते हुए खंडहरों के बीच भटकती हुई सी
मेरी जिंदगी सुनसान सी राह पर
बस यूँ ही बीतती हुई…!!
भटकन में चलती हुई…!!!
डॉ मंजु सैनी
गाज़ियाबाद

Language: Hindi
1 Like · 87 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr Manju Saini
View all
You may also like:
"परखना "
Yogendra Chaturwedi
जुग जुग बाढ़य यें हवात
जुग जुग बाढ़य यें हवात
डॉ विजय कुमार कन्नौजे
जीवन गति
जीवन गति
विनोद कृष्ण सक्सेना, पटवारी
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
मैं ज़िंदगी के सफर मे बंजारा हो गया हूँ
Bhupendra Rawat
जिंदगी
जिंदगी
Bodhisatva kastooriya
The Sweet 16s
The Sweet 16s
Natasha Stephen
मैं प्रभु का अतीव आभारी
मैं प्रभु का अतीव आभारी
महेश चन्द्र त्रिपाठी
तुम्हारी आँखें...।
तुम्हारी आँखें...।
Awadhesh Kumar Singh
मंदिर बनगो रे
मंदिर बनगो रे
Sandeep Pande
"कदर"
Dr. Kishan tandon kranti
Suno
Suno
पूर्वार्थ
जीवन की नैया
जीवन की नैया
भरत कुमार सोलंकी
Your Secret Admirer
Your Secret Admirer
Vedha Singh
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
मुझसे गलतियां हों तो अपना समझकर बता देना
Sonam Puneet Dubey
राम की आराधना
राम की आराधना
surenderpal vaidya
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
जब कोई आदमी कमजोर पड़ जाता है
Paras Nath Jha
मुहब्बत भी मिल जाती
मुहब्बत भी मिल जाती
Buddha Prakash
■ eye opener...
■ eye opener...
*प्रणय प्रभात*
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
कभी वो कसम दिला कर खिलाया करती हैं
Jitendra Chhonkar
अर्धांगनी
अर्धांगनी
पूनम कुमारी (आगाज ए दिल)
विनती
विनती
Kanchan Khanna
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
नया मानव को होता दिख रहा है कुछ न कुछ हर दिन।
सत्य कुमार प्रेमी
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
वो बचपन का गुजरा जमाना भी क्या जमाना था,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
हुई बरसात टूटा इक पुराना, पेड़ था आख़िर
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
2777. *पूर्णिका*
2777. *पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
इश्क में डूबी हुई इक जवानी चाहिए
सौरभ पाण्डेय
चंद दोहा
चंद दोहा
सतीश तिवारी 'सरस'
इंसानियत की लाश
इंसानियत की लाश
SURYA PRAKASH SHARMA
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
मेरी ज़िन्दगी का सबसे बड़ा इनाम हो तुम l
Ranjeet kumar patre
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
हाथ माखन होठ बंशी से सजाया आपने।
लक्ष्मी सिंह
Loading...