शीर्षक:माँ का स्नेहनिल प्रेम
👨👩👧माँ का स्नेहिल प्रेम👨👩👧
तेरे स्वप्न मंडल की चमक का
माँ मैं एक प्रज्वलित हुआ दीप हूँ
तेरे आशीर्वाद से सदैव ही फलदार
बृक्ष से भी ज्यादा फलीभूत हूँ मैं
हाँ स्नेहिल प्रेम से फलीभूत हूँ मैं।
तुम कारक तुम कारण हो मेरी
तुम से ही उपजा प्रतिबिम्ब हूँ मै
तेरी जिंदगी के सफर में हर पल हूँ मै
तेरे सारे दुखो में खुशियो में हूँ मैं
हाँ स्नेहिल प्रेम से फलीभूत हूँ मैं।
मुझे डर नही किसी मुसीबत का कभी
तेरे स्नेह का कवच समीप हैं मेरे
ये तन,मन,धन सब तुझ से है माँ
मैं तो तेरी आँखों का नूर हूँ माँ
हाँ स्नेहिल प्रेम से फलीभूत हूँ मैं।
मेरे लिए तो ईश्वर का प्रसाद हैं माँ
हर बच्चे में बसी जान होती हैं माँ
ईश्वर से भी ऊपर होती हैं हर माँ
तेरी आँखों का “सजल”प्रेम हूँ मै माँ
हाँ स्नेहिल प्रेम से फलीभूत हूँ मै।
“बेटा माँ का”